Friday, October 22, 2010

जय हे वेलेंटाइन डे

फाल्‍गुन की गुनगुनी धूप में हिनहिनाता हुआ फागुनी धूप का आनंद ले झक सफेद सिरदाढ़ी- मूछों सहित छाती के बालों को काली मेहँदी से लिबेड़ रहा था कि अबके चाहे कुछ भी हो पत्‍नी से आई लव यू कह कर ही खांसूंगा कि गुंजार करता हुआ एक भौंरा आ टपका। आते ही उसने शिकायत की,‘ देखो न! बूढ़े घोड़ेकाले बाल! कबसे गुंजार कर रहा हूं पर वसंत है कि अभी तक नहीं आया। कहां रह गया होगाकुछ बता दो तो अहसानमंद रहूंगा।कह वह मेरे कान के पास आ गुंजार करने लगा तो मैंने उसे परे धकेलते हुए कहा,‘ चल यार परे! मेरे कान मत खा। वेलेंटाइन डे की तैयारी करने दे। बड़ी मुश्‍किल से तो गृहस्‍थी से तनिक निजात पा साठ साल बाद अबके मन में पत्‍नी के लिए जबरदस्‍ती प्‍यार जगाया है।'
‘ तो इससे पहले क्‍या करते रहेझक मारते रहे?' भौंरे को अपने रंग से भी ज्‍यादा गुस्‍सा।
उसे गुस्‍से होते देख मैं नरम पड़ गया। बुढ़ापे में गुस्‍सा करके क्‍यों अपना बीपी हाई करना। मैंने नमकीन की कटोरी में घोली काली मेहँदी का आखिरी लबेड़ा दांत साफ करने के ब्रश से छाती के श्‍ोष बचे सफेद बालों पर मारा,‘ मत पूछ यार! क्‍या करता रहाउस वक्‍त पत्‍नी से विवाह का ही रिवाज ही थाप्रेम का नहीं। तब से लेकर आज तक विवाह के बाद कमबख्‍त प्रेम करने का मौका मिला ही कहां। जितने को प्रेम करने की सोचताउतने को कोई न कोई पंगा पड़ जाता और मैं सोचता कि यह पंगा निपट जाए तो पत्‍नी से प्रेम करूं। एक पंगा निबटता तो दूसरा सीना चौड़ा किए खड़ा हो जाता। बसइसी तरह जिंदगी कट गई।कहते कहते मेरा रोना निकल आया।
अपने समाज की परंपरा का स्‍मरण आते ही उसका सारा का सारा गुस्‍सा उड़न छू हो गया और वह मुझसे हमदर्दी जताते बोला,‘ होता है यारऐसा ही होता है। मुझे तुमसे पूरी हमदर्दी हैभले ही तुम्‍हारी पत्‍नी को हो या न हो! पर एक बात बताओवसंत अभी तक क्‍यों नहीं आया?'
इस देश में कबसे गुंजार कर रहे हो?'
जबसे देश आजाद हुआ है।'
तबसे लेकर यहां पर कोई समय पर आया है क्‍या?'
क्‍या मतलब तुम्‍हारा?'
‘ अरे भैया! आजादी के बाद से यहां सभी अपनी मर्जी के मालिक हो गए हैं। जब मर्जी की आएजब मर्जी की चले गए।'
मतलब!!वह मेरा मुंह ताकता रहा।
मतलब ये कि दफ्‌तर में चपरासी के आने का टाइम क्‍या है वैसे?'
‘ नौ बजे।'
‘ और वह आता कितने बजे है?'
‘ जब मन किया।भौंरे ने मेरा सिर खुजलाते कहा। मुए ने बड़े प्‍यार से लगाई मेहँदी ही खराब कर दी।
दफ्‌तर में साहब के आने का टाइम क्‍या तय है वैसे?'
दस बजे।'शुक्र है अबकी बार उसने मेरा सिर नहीं खुजलाया।
और वह जनाब आते कब हैं?'
जब मन करे।'
‘ अरे यारजब ये ही वक्‍त के पाबंद नहीं तो उससे वक्‍त की पाबंदी की उम्‍मीद क्‍यों?' वह तो ऋतुओं का राजा है। और राजा टाइम का आएये किस कानून की किताब में लिखा हैयहां तो एमएलए भी कहता है कि बरसात को आऊंगा तो पहुंचता सर्दियों में है।'
भौंरे ने आगे कुछ नहीं कहा और नौ दो ग्‍यारह हो लिया। साहब ! ये बाल धूप में ही थोड़े सफेद हुए हैं। पर क्‍या करें अब इन्‍हें काले करना जरा मजबूरी है। जमाने के साथ भी तो चलना चाहिए न भाई साहब! वो भी कमबख्‍त ज़ीने का क्‍या मजा की ज़माना कहीं और आप कहीं। भौंरा गया कि खाँसता हुआ जट्‌टू मियां आ धमका। शुक्र है कटोरी की मेहँदी खत्‍म हो चुकी थी। वरना अपने मुंह को काला करके ही दम लेता। मुझे काली मेहँदी से लिबड़ा देख बोला,‘ और भई साठ साल के दूल्‍हे! कहां बारात ले जाने की तैयारियां हो रही हैंपर पता है अबके हमारे शहर के बिगाड़वादियों ने ऐलान किया है कि वेलेंटाइन डे के आस पास अगर किसी भी उम्र का कोई प्रेम करता पकड़ा गया तो....कह वह कटोरी के भीतर झांकने लगा।
‘ तो??' काली मेहँदी बालों से टपक कर मुंह में आ गिरने लगी।
‘ तो क्‍या! उसका विवाह करवा दिया जाएगा।सत्‍यानाश हो इन बिगाड़वादियों का भी। बड़ी मुश्‍किल से अबकी बार हिम्‍मत की थी और एक ये हैं कि...मुझे काली मेहँदी से तन से लेकर मन तक में खारिश होने लगी। मैंने खजूर पर अटके दिल में प्‍यार की हज़ारों पिक्‍चरें दबाए कहा,‘पर जिन्‍होंने प्रेम किया ही नहींसीधा विवाह ही किया होउनके साथ यह ज्‍यादती क्‍योंक्‍या जिंदगी में कम से कम एक बार प्रेम करने का उनका हक नहीं?'
देख तेरा लंगोटिया होने के नाते बिगाड़वादियों के फैसले से तुझे अवगत करवाना थासो करवा दियाअब मेरी नैतिक जिम्‍मेदारी खत्‍म और तेरी शुरू। मैं नहीं चाहता कि इस उम्र में तेरे ऊपर कीचड़ उछले। एक बार ही विवाह करके मर मरके जी रहा है दूसरी बार फिर कहीं....कह जट्‌टू मियां वो गया कि वो गया।
वैसे भाई साहब! एक बात बतानाबस वैसे ही पूछ रहा हूंअपनी तसल्‍ली के लिए कि कोरा प्रेम करने वालों के लिए तो ये रूल ठीक है पर उनके साथ यह ज्‍यादती नहीं है जिन बेचारों ने जिंदगी में विवाह तो किया पर उन्‍हें कभी प्‍यार करने का अवसर ही नहीं मिला। और जब गृहस्‍थी की भाग दौड़ से दो पल प्‍यार के चुराने के लिए आलू- प्‍याज को हाशिए पर छोड़ते हुए उन पैसों की काली मेहंदी लाए तो....पर चलो खुदा! इस बहाने ज़िंदगी में एक बुरा काम करने से तो बच गया।

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